मानसी गोयल, कक्षा ८ वीं B, का दीपावली पर लेख
दीपावली !
आहा ! नाम सुनते ही हमारी आँखों में एक अलग ही रोशनी आ जाती है | दीपावली के एक महीने पहले से ही तैयारियां भी शुरू हो जाती हैं | नए कपडे, गहने, घर की जोर-शोर से साफ़-सफाई; कितना आनंदमय होता है ये समय! हम अपने रिश्तेदारों, बंधुओं से मिलते हैं, खुशियाँ बांटते हैं | छोटे बच्चे दिवाली के पहले ही पटाखे जलने में मस्त हो जाते हैं |
ऐसा कहा जाता है की दिवाली अँधेरे पर रोशनी की विजय का, बुराइयों पर अच्छाईयों की जीत का प्रतीक है|
हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने कहा है के अपने देश तो साफ़ करने के लिए पहले अपना मन, फिर अपना घर साफ़ करना होगा, फिर ही हम अपना देश साफ़ कर पाएंगे | तो क्या हम दिवाली की साफ़-सफाई में अपने अंतर्मन की सफाई करते हैं? दिवाली सिर्फ पटाखे जलाने और मिठाइयाँ खाने का त्यौहार नहीं है |
तो आइये हम सब मिलकर प्रण लें की हम दिवाली के असली महत्व को समझेंगे और इसे धूम-धाम से मानाने के साथ अपने अन्दर की बुराइयों से मुक्त होने का प्रयास करेंगे |
“दीयों की रोशनी से झिलमिलाता आँगन हो,
पटाखों की गूँज से आसमान रोशन हो,
ऐसी आये झूमकर यह दिवाली,
की हर तरफ खुशियों का मौसम हो |”
शुभ दीपावली !
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Art by Shruti Biyani, Class VIII D |
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Art by Mallesh Kamdar, Class VIII D |
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