१. पूर्वी सिंघल, प्रखर खंडेलवाल, रजत अजमेरा, रिया बेताला, ऋषभ कटारिया, ऋषिता कांकरिया, कक्षा ८वीं A
मेरा प्यारा इंदौर शहर,
सबसे सुन्दर स्वच्छ शहर ||
मुझ को इस पर नाज़ है,
‘मालवा’ का यह सरताज़ है ||
‘मिनी बाम्बे’ कहलाता है,
जो आता यहाँ, यहीं बस जाता है ||
ग़रीब हो या हो धनवान,
सभी पाते हैं यहाँ सम्मान ||
मिलकर त्योहार मनाते हैं,
जाति, धर्मों को भुलाते हैं ||
सब शहरों से न्यारा है,
मेरा शहर ये प्यारा है ||
२. रैना सिंघी, परागी अग्रवाल, पार्थ सेठी, पार्थ वोहरा, प्रणव मांडलिक, प्रियांशु लुनिया, कक्षा ८वीं A
मेरा शहर इन्दोर है बड़ा महान,
भिन्न-प्रकार के लोग रहते यहाँ,
प्रेम, मिठास और भाईचारा हैं इसकी शान |
बड़ी साड़ी विशेषताएं है मेरे शहर की,
पोहा, जलेबी और कचोरी है यहाँ के विशेष खान-पान,
जो बढ़ाते सराफ़ा और छप्पन जैसी दुकानों का मान |
गोमटगिरि, हिंकारगिरि हैं यहाँ के पवित्र स्थान,
जो एकत्रित करें हज़ारों पर्यटकों का ध्यान |
भिन्न-भिन्न प्रकार की बोली बोलते भिन्न-भिन्न प्रकार के लोग,
निमाड़ी, मारवाड़ी और मालवी जैसी बोलियाँ बढ़ाती हमारे शहर की शान |
राजवाड़ा और खजराना जैसे स्थान देते हमारे शहर को एक अलग पहचान,
और बढाते हमारे शहर की आन-बान और शान |
बारिश में हरा-भरा होता है मेरा स्थान
जिसको देखने आते हैं हजारों लोग – हिन्दू या मुसलमान |
“सबसे प्यारा शहर हमारा, यह अभिमान हमारा है,
स्वच्छ रहे यह इंदौर हमारा, यही हमारा नारा है |”