सहज, शिवांश, श्रेया, सुरभि, सुश्रुत, कक्षा ८वीं A
गुरु को जानता हर बच्चा-बच्चा,
दे वो ज्ञान सचमुच सच्चा-सच्चा |
गुरु जो पकडे कान हमारा, याद आती नानी,
और भूल जाते हम सारी शैतानी |
गुरु से पूछे सवाल कोई, देते वो जवाब सही,
और याद रखना पड़ती हर बात उनकी कही |
गुरु कहता शिष्य से छोड़ो सारे धमाल,
तभी भविष्य में होगा कमाल ही कमाल |
गुरु मदद करता बनने में हमें आत्मविश्वासी,
और मिलती जीवन में उनसे हमें शाबाशी |