दिव्य सिंघल, Class IX E
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |
गाड़ियों का तो कहर है,
धुंए की तो लहर है |
प्रदूषित हो रहे ये शहर हैं,
धुंए की तो लहर है |
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |
यहाँ तो फैक्ट्रीयों की रेस है,
गन्दगी फ़ैल रही बड़ी तेज़ है,
नदियों को दूषित कर रहा आदमी,
जबकि उनको ही पूजता भी है आदमी |
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |
धरती माता को मत रुलाओ,
प्रदूषण को तुम दूर भगाओ |
यदि और प्रदूषण फैलेगा,
कोई भी इसको न झेलेगा |
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |
प्रदूषण फैलेगा तो कैंसर बढेगा,
तभी तो इंसान इससे लडेगा |
बीमारी होने से पहले लड़िये,
बीमारी का इंतज़ार न करिए |
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |
प्रदूषण को जल्द रोकिये,
इसे फ़ैलाने वालों को टोकिए |
पड़ा मिले जहाँ कहीं कूड़ा,
उसे उठाकर कूड़ेदान में फैंकिए |
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |
प्रदूषण का पैर सब पर भारी,
धरती पर हुई मुसीबत जारी |