ध्रुव खुराना, कक्षा ११वीं F
ज़िन्दगी कोई कार्य नहीं है जिसे हम करने का इंतज़ार कर रहे हैं | कोई खेल नहीं जिसे हम मौज के लिए खेलें; कोई किताब नहीं जिसे खोलकर पढ़ के सीख लें | बल्कि ज़िन्दगी तो वो सफ़र है जिसे हम हर एक क्षण जी रहे हैं|
हम अपनी ज़िन्दगी को एक बहुत ही कठिन सफ़र समझते हैं | परन्तु यह केवल एक सोच है| हम ऐसी बातों से प्रभावित होकर खुद अपनी परेशानियाँ बाधा लेते हैं| हम अपनी ही बातों और अपने ही विचारों में खो जाते हैं| प्रश्न ये उठता है कि ज़िन्दगी कैसे जी जाती है? इस प्रश्न का एकमात्र उत्तर है, ज़िन्दगी दिल खोलकर जी जाती है, पूरा सौ प्रतिशत देकर जी जाती है| हम यह कैसे कर सकते हैं, मैं इसी बात पर रोशनी डालना चाहूँगा|
ज़िन्दगी का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे बड़ा सच जिससे सफलता मिलती है वह है अंतरात्मा की ख़ुशी| यही सच्ची ख़ुशी है| यह न तो पैसों से मिल सकती है और न ही किसे वास्तु से| यह अपना मुकाम हासिल करने पर ही मिल सकती है|
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Art by Dhruv Khurana, Class XI F |
दूसरी जो सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है वह है समय| समय को इस तरह भी समझाया जा सकता है कि अगर ज़िन्दगी गाड़ी है तो समय पहिया जिसके बिना आप आगे नहीं बढ़ सकते| इसी कारण जो समय बर्बाद करता है, समय उसे बर्बाद कर देता है|
तीसरी चीज़ है आत्मनियंत्रण | अपने मन को काबू रखना | जिसने अपने मन को काबू में रखना सीख लिया, वह कुछ भी कर सकता है|
हम मनुष्य अपने आप को बहुत कमज़ोर समझते हैं| ये केवल हमारी कल्पना है | हमारी अंतर-आत्मा की शक्ति असीम है| इसी कारण हमें कभी भी अपनी काबिलियत पर शक नहीं करना चाहिए|
हम अपने जीवन अनुशासन से नहीं जीते; उसूलों के साथ नहीं जीते; अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित नहीं होते| सफलता के लिए जी-जान लगानी पड़ती है| साथ ही अन्दर से हार न मानाने वाला दृढ-निश्चय, आत्म-सम्मान से भरा हुआ और सदैव बिना फल का सोचे मेहनत करने वाला चरित्र चाहिए| तभी सच्ची ख़ुशी मिल सकती है|
अपने लिए जियो, खुद पर भरोसा रखो, अपने आप जीत तुम्हारे क़दमों में होगी|